Saturday, December 30

कोच लोक काथा || मशहुर चित्रकारेर काथा || साभाए दिवार आर काह लिवा निचाहावार एकेरा बात छे, उड हए "सल्लाह (Advice)

कोच मशहुर चित्रकारेर काथा || साभाए दिवार आर काह लिवा निचाहावार एकेरा बात छे, उड हए "सल्लाह (Advice)

           

         काथा Koch Rajbanshi Story


एक्टा शहरत एक्झना कोच मशहुर चित्रकार रहे !
उहा एक्खान बहुत सुन्दर तस्वीर बनाए शहरेर एक्टा चोकत राखिल आर चित्रर तलत लेखिल " इड चित्रत जाहाक जैठिना निमिलुवार लाखाती लागेछे हुतिना चिन (दाग) लगाए दिवान !"
जब उहाँ बेलाभाटी उड चित्रक देख्ले , गटे चित्ररत चीन दागे दाग चित्र र पूरा खराब हैगिछे ! उला चिन (दाग) देखिए बहुत दुखी आर किकरिम निकरिम कुछु सोचुवा निपाए दिक्क मानिए बसिएछिले, उहिबेला स्वामी ए बि सि अप्रमानन्द अहिर रास्ता धरिए कोइठिना गिस्ले ! चित्रकारेर अत्यन्त दुखी आत्मा देखिए स्वामीजी किकारण दुखिछिस कहे पुछरी करिल ! चित्रकार पुरा घटना बारे आगिसे गोर्तक सुनाले, उला सुनिए स्वामीजी कोहोल !
" तुइ आर एक्खान काम कर, काली दस्रा चित्र बनाए ऐखान ठाउत राखेक लेकिन तलत इखान लेखिश :- " इड चित्रत जाहाक जैठिना निमिलुवार लाखा लागेछेते हुतिना मिलाए दिवान "
चित्रकार कालिकरे आङ्ती करिल आर बेलाभाटी जाए देखेछे चित्र जेङ्का सेनङ काह लालुवार तक निलारे ! उहाँ संसारेर प्रवृत्ति आर नियति बुझुवार सफल हले !
" खोट देखुवार, निन्दा करुवार, बात काटुवार, आलोचना करुवार, उपदेश दिवार, सम्भब निछे कहवार, आदि एक्दम सजिलोछे, दुनियार जेङ्तिभी निकम्मालाभि करुवा सकेछे लेकिन समस्या चिनिए सहि सामधान करुवार चाहिँ सभारे बहसेर बात निछे !"
एहिड जिन्दगीर सच्चाइ हए, साभाए दिवार काह लिवा निचाहावार एकेरा बात छे, उड हए "सल्लाह (Advice) Story credit goes to Ganesh Rajbanshi